मध्यप्रदेश में करीब 60 लाख बंजारा, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ की 51 प्रजातियां हैं |
● यह प्रजातियां कभी एक जगह पर नहीं रहती ना ही इनके पास कोई सरकारी दस्तावेज ( जन्म या जन्म स्थान से जुड़ा कोई प्रमाण पत्र) है जिससे यह अपनी नागरिकता साबित कर सकें |
● हालांकि मध्य प्रदेश सरकार ने एनआरसी और सीएए को राज्य में लागू करने से मना कर दिया है मगर नेशनल पापुलेशन रजिस्टर एनपीआर का सर्वे अप्रैल 2020 से शुरू होगा जिसको लेकर सरकार ने अभी तक अपना रुख तय नहीं किया है | अगर यह काम मध्यप्रदेश में शुरू हुआ तो मुमकिन है कि इनका नाम छूट जाए |
● मजे की बात यह है कि इन्हें सीएए के अंतर्गत खुद को हिंदू बताने पर देश की नागरिकता तो मिल सकती है, मगर उसके लिए भी इन्हें 31 दिसंबर 2014 से पहले का कोई कागज दिखाना होगा, लेकिन चंद को छोड़कर इनके पास वह भी नहीं है |
● पूरे देश में इन प्रजातियों की आबादी, 2001 के सेंसस के अनुसार करीब 11 करोड़ है |
इन_11_करोड़_ घुमक्कड़ जनजाति वालों का का_क्या_होगा