मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले में अधिकारी कर रहे आदिवासी हितों के साथ खिलवाड़....करोड़ों रुपयों के बजट वाले एकलव्य स्कूल में व्यवस्थाएं हो रही तार-तार...


🌀जुन्नारदेव
आदिवासी अंचल के प्रतिभाशाली आदिवासी वर्ग के छात्र-छात्राओं के शैक्षिक, अकादमिक और व्यक्तित्व विकास की मंशा को लेकर प्रारंभ किए गए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, जुन्नारदेव की इस संकल्पना को लगातार धता बताया जा रहा है। आदिवासी विधानसभा जुन्नारदेव के विकासखंड मुख्यालय में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा तत्कालीन कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के कार्यकाल के दौर में एकलव्य विद्यालय की स्थापना की गई थी, ताकि आदिवासियो की प्रतिभा को उचित रूप से निखारा जा सके, लेकिन वर्तमान दौर में जिला प्रशासन के अतिमहत्त्वाकांक्षी और  कथित रूप से भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा अपने निहित गलत उद्देश्यों की कथित पूर्ति के लिए लगातार नियमों का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है। इस लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण एकलव्य विद्यालय में प्राचार्य पद पर हालिया समय में की गई है। यहां पर एकलव्य सोसाइटी और शासन के निर्देशों के अनुरूप निर्धारित अहर्ता ना रखने के बावजूद एक व्याख्याता को इस अहम पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई है, जिसके पीछे इन अधिकारियों की आपसी हितों से जोड़कर देखा जा रहा है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की जुन्नारदेव शाखा में प्राचार्य के रूप में प्लस टू प्राचार्य की श्रेणी के अधिकारी की नियुक्ति ना कर व्याख्याता जैसे साधारण कर्मचारी को अहम जिम्मेदारी का दिया जाना आदिवासियों के हितों के साथ खिलवाड़ करने जैसा माना जा रहा है। आदिवासियों ने एक स्वर में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और क्षेत्रीय विधायक सुनील उईके से इस नियुक्ति को तत्काल रद्द करते हुए उस पर उपयुक्त अधिकारी की नियुक्ति किए जाने तथा इस नियुक्ति के लिए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग रखी है।


🌀पारदर्शितायुक्त और चयन आधारित होना चाहिए नियुक्ति...
आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों के सतत उत्थान के उद्देश्य से एकल विद्यालय के प्राचार्य पद पर प्रतिनियुक्ति हेतु पारदर्शिता एवं नियम संगत किए जाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा आवेदन प्राप्त किए जाते हैं। मध्य प्रदेश ट्राईबल वेलफेयर रेजिडेंशियल एंड आश्रम एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसायटी के सचिव के पत्र क्रमांक ईएमआरएस/32-ए/2019/1407 दिनांक 9 जुलाई 2019 के तहत आवेदन आमंत्रित कर उक्त पद हेतु चयन किया जाना था, जिसका अनुमोदन आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव के द्वारा कर इस पद पर नियुक्ति कर दी जाती है। लेकिन जुन्नारदेव के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय इस प्रक्रिया का सरासर उल्लंघन करते हुए जिला कलेक्टर के द्वारा इस अहम पद पर एक अयोग्य कर्मचारी की नियुक्ति कर दिए जाने से यह सारा बवाल खड़ा हो गया है।


🌀यह है मामला....
नगर के वार्ड क्रमांक 18 में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में प्राचार्य पद के लिए निर्धारित अहर्ता प्लस टू प्राचार्य की रखी गई है और इसके अतिरिक्त संबंधित प्लस टू प्राचार्य को अपने अकादमिक कौशल में भी खरा उतरना होता है। लेकिन वर्तमान में नियुक्त किए गए प्राचार्य के रूप में उक्त कर्मचारी की योग्यता उनके समकक्ष ना होते हुए कमतर है, जो शासन और प्रशासन के निर्धारित नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। वर्तमान में यहां पदस्थ हुए प्रभारी प्राचार्य के व्याख्याता होने के साथ साथ ही वह अकादमिक ट्रैक रिकॉर्ड भी निम्नतम स्तर का है। तब ऐसी परिस्थितियों में जबकि विभाग के द्वारा चयन पद्धति और निर्धारित परंपराओं के द्वारा नियुक्त किए जाने में लापरवाही बरती गई है। अब इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा के साथ यहां खिलवाड़ किया जा रहा है।


🌀कैसे हो गई नियुक्ति❓
करोडो रुपए के बजट वाले इस एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, जुन्नारदेव में प्राचार्य पद को लेकर हमेशा ही इस व्यक्ति की लार टपकती रही है। गौरतलब है कि गत लोकसभा चुनाव में यहां पूर्व में पदस्थ प्राचार्य विद्या डेहरिया के खिलाफ स्थानीय एसडीएम के द्वारा जिला कलेक्टर को लापरवाही किए जाने संबंधी प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें पद से पृथक कर दिया गया था। एक सुनियोजित रणनीति के तहत छिंदवाड़ा स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक संचालक और सहायक आयुक्त के कार्यालय से इस व्याख्याता के नाम की नोटशीट चलाकर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर पत्र क्रमांक  2056/सा. स्था/जजाकावि/2019 दिनांक 3 जून 2019 के अनुसार नियुक्ति कर दी गई है। जो कि नियम के विरुद्ध है। गौरतलब है कि आदिम जाति कल्याण विभाग की आयुक्त के द्वारा लिए जाने वाली चयन परीक्षा में इस व्यक्ति के शामिल होने तक पर भी सवालिया निशान लगा दिया गया था। लेकिन अपनी प्रशासनिक जोड़-तोड़ के चलते यह व्यक्ति ने उक्त पद को हथिया लिए जाने में सफलता प्राप्त कर ली है। जिसका खामियाजा इस क्षेत्र के आदिवासी बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। लगभग 6 माह से अधिक अवधि बीत जाने के बावजूद भी इस नियुक्ति का अनुमोदन भोपाल स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव के द्वारा ना कराया जाना एक बड़े प्रशासनिक षड्यंत्र की ओर इशारा करती है।


🌀अमरवाड़ा के पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी ने की शिकायत...
जिले में आदिवासियों के हितों के पैरोकार माने जाने वाले पूर्व विधायक और अखिल भारतीय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनमोहन शाह बट्टी ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की कथित अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए गत दिनों ही जिला कलेक्टर को पत्र क्रमांक 750/सीडब्ल्यूए/350 को सौंपकर यहां पर चल रही अवैध गतिविधियों का सूक्ष्म परीक्षण की मांग रखी थी। सुविज्ञ सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है कि तदहेतु अधिकारी स्तर पर इसकी जांच कर खानापूर्ति किए जाने की कोशिशें भी शुरू कर दी गई है। देखना है कि आगामी दिनों में इस विवादास्पद प्रकरण में क्या और खुलासे हो सकते हैं।


🌀इनका कहना है❗
"जल्द होगी पूर्णकालिक प्राचार्य की नियुक्ति"-- दीपाली रस्तोगी
आदिवासी विद्यार्थियों के सतत उत्थान के लिए स्थापित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के स्थान पर बहुत ही जल्द पूर्णकालिक प्राचार्य की नियुक्ति कर दी जाएगी। इस संवाददाता को आदिम जाति कल्याण विभाग की भोपाल स्थित प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने बताया कि इस संदर्भ में इंटरव्यू सहित अन्य चयन प्रक्रिया को लगभग पूर्ण कर लिया गया है। बहुत ही जल्द पूर्णकालिक प्राचार्य की नियुक्ति विभाग द्वारा होगी।