सरकार के खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। 

 


सीधी -CAA & NRC के विरोध में सीधी में टोंको रोंकों ठोको क्रांतिकारी मोर्चा, आम आदमी पार्टी, भाकपा, माकपा , बहुजन समाज पार्टी, जय भीम और अन्य मुस्लिम संगठनों द्वारा देश बचाओ - संविधान बचाओ उदघोष के साथ सभा और रैली कर सरकार के खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। 


CAA & NRC का विरोध करते हुए उमेश तिवारी ने कहा की हम तीन कारणों से नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं पहला संविधान की रक्षा के लिए दूसरा भाजपा के षडयंत्र के विरुद्ध जो हिंदू मुसलमान कर वोट की राजनीति करना चाहती हैं तीसरा कारपोरेट, कारपोरेट राजनीति और भारतीय जनता पार्टी के मंसूबे में पानी फेरने का जिसमें जो वह देश के मुद्दों को चर्चा के केंद्र से बाहर रखने का खेल कर रहे है। वर्तमान सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार पर काम करने की बजाय धर्म के आधार पर बांटने का काम कर रही हैं। देश किसी व्यक्ति विशेष व समुदाय व संगठन का नहीं है बल्कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों का है। जिस हिंदुस्तान में हम रह रहे हैं वह हिंदुस्तान हमें पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला ठाकुर रोशन सिंह सरदार भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद खुदीराम बोस की शहादत से हमें मिला है। यह हिंदुस्तान गांधी, नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल का हिंदुस्तान है जिसमें हर जात धर्म मजहब के लोगों का सम्मान है। हम उस धर्म को मानते हैं जिस धर्म की व्याख्या करते हुए शिकागो में स्वामी विवेकानंद ने कहा था की मुझे हिंदू होने में गर्व है मुझे भारतीय होने में गर्व है। हमें हिंदू होने में इसलिए गर्व है कि हिन्दू धर्म बाकी हर धर्म के सच को स्वीकार करता है और दूसरी बात हमें भारतीय होने में गर्व है क्योंकि इस देश ने हर उस शख्स को पनाह दी है जिसने कभी भी शरण मांगी है। श्री तिवारी ने कहा कि आरएस चले वर्ण व्यवस्था के विरोध में लड़े हम उसके साथ हैं। कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि आजादी के 72 साल बाद भी जिस हिंदू धर्म की बात संघी करते हैं उस हिन्दू धर्म मे कितना भेद भाव है। आप जरा ठंडे दिमाग से सोच कर देखिए क्या लड़ाई सच में हिंदू मुसलमान की है ? लड़ाई अगर हिंदू मुसलमान की होती तो सरकार को शायद किसानों की फिक्र होती वह उनकी बेहतरी के लिए फिक्र मंत्र होती क्योंकि आत्महत्या करने वाले किसानों में मुस्लिम ना के बराबर हैं, लड़ाई अगर हिंदू मुसलमान की होती तो शायद सरकार व्यापारियों के लिए भी फिक्र मंद होती क्योंकि इस देश में मुस्लिम व्यापारी भी गिने-चुने हैं, लड़ाई हिंदू मुस्लिम की होती तो शायद आज देश की चिकित्सा सेवाएं बेहतर होती और चिकित्सालय में बच्चे नहीं मरते क्योंकि वहां पर मरने वाले बच्चे में भी मुस्लिम उंगलियों पर गिनने लायक हैं, लड़ाई हिंदू मुसलमान की होती तो हर विभाग में सरकारी नौकरियों में पद खाली नहीं होते क्योंकि सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की संख्या नाम मात्र की है, लड़ाई अगर हिंदू मुसलमान की होती तो सरकार महंगाई पर लगाम लगाती क्योंकि इस देश में मुस्लिम जनसंख्या तो 20% से भी कम है, लड़ाई अगर हिंदू मुसलमान की होती तो सरकार उन लगभग 35 करोड़ लोगों की फिक्र होती जिनके पास ना छत है जो रात को भूखे पेट सोने पर मजबूर है और अपने ही देश में शरणार्थियों जैसा जीवन गुजार रहे हैं क्योंकि इनमें भी मुस्लिम बहुतायत में नहीं है यह लड़ाई पूंजीवाद और समाजवाद की है यह लड़ाई अमीर और गरीब की है इसे हिंदू मुस्लिम का चोला तो सिर्फ भाजपा द्वारा अपने फायदे के लिए पहनाया जा रहा है ताकि समाज धर्म के नाम पर आपस में उलझा रहे और हमको सत्ता की मलाई मिलती रहे। वहीं आम आदमी पार्टी प्रवक्ता रामचरण सोनी वर्तमान सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए CAA & NRC कानून को देश का दूसरा बंटवारा बताया, कहा हम इसका विरोध आखिरी दम तक करते रहेंगे।
सभा को सैयद कामिल, रामप्रताप यादव, प्रभात वर्मा, मनोज कोल, अशोक सिंह पैगाम, निसार आलम, माधव पांडेय आदि ने भी संबोधित किया।