इराक़ से अमरीकी सैनिकों के बाहर निकलने के बारे में एक पत्र के प्रकाशन के बाद पेंटागन में पूर्ण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, अमरीकी सीनियर जनरल ने इसे एक "ग़लती" क़रार दिया तो वहीं रक्षा मंत्री ने कहा कि अमरीका की ऐसी कोई योजना नहीं है।
सोमवार को पेंटागन में पत्रकारों से बात करते हुए अमरीकी रक्षा मंत्री मार्क ऐसपर ने कहाः "इराक़ से निकलने के बारे में कोई फ़ैसला नहीं किया गया है।"
ऐसपर ने उन रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए यह बयान दिया है, जिसमें कहा गया था कि इराक़ में संयुक्त टास्क फ़ोर्स के प्रमुख जनरल विलियम एच. सीली ने इराक़ी सरकार को सूचित किया है कि इस देश की संप्रभुता का सम्मान करते हुए गठबंधन सेनाएं इराक़ से बाहर निकलने की तैयारी कर रही हैं।
इस बीच, संयुक्त चीफ़ ऑफ स्टाफ़ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले का कहना है कि सीली ने जो पत्र भेजा था, वह केवल एक मसौदा था और इसे जारी करना एक "ग़लती" थी। हालांकि इराक़ी सेना ने इसके मिलने की पुष्टि की थी।
इस पत्र के बारे में जब सवाल किया गया तो ऐसपर ने कहाः "जो कुछ भी हो, इराक़ से बाहर निकलने के बारे में कोई फ़ैसला नहीं किया गया है।"
ऐसपर ने इस पत्र की प्रामाणिकता की न ही पुष्टि की और न ही इसका खंडन किया, हालांकि इससे पहले अमरीकी सेना के जनसंपर्क अधिकारियों ने कहा था कि यह सही है। इसके बजाए अमरीकी रक्षा मंत्री ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के उस दावे को दोहराया कि इराक़ी लोग चाहते हैं कि अमरिका उनके देश में बना रहे।
ग़ौरतलब है कि शुक्रवार को बग़दाद में अमरीकी ड्रोन हमले में आईआरजीसी की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी और इराक़ी फ़ोर्स हशदुश्शाबी के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अल-मोहंदिस की मौत के बाद रविवार को इराक़ी संसद ने देश से विदेशी सैनिकों को बाहर निकालने का बिल पास किया था।
रविवार को ही अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने इराक़ी संसद के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए बग़दाद पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी दे डाली थी। ट्रम्प का कहना था कि इराक़ में ख़र्च किए गए अरबों डॉलर का इराक़ी जबतक भुगतान नहीं कर देंगे अमरीका, इराक़ से नहीं निकलेगा। msm
इराक़ से निकलने का कोई इरादा नहीं है, अमरीका