ये जामिया में लॉ के छात्र मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन हैं. 15 दिसंबर की रात जब जामिया की लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस और अर्धसैनिक बल लाठियाँ मार रहे थे, उसी वक़्त इनकी एक आँख बुरी तरह ज़ख्मी हो गई. ज़ख्म इतना गहरा था कि उस आँख की रौशनी चली गई. ये उस वक़्त लाइब्रेरी में बैठकर एक कॉन्फ्रेंस पेपर लिख रहे थे. आज उसी पेपर को कॉन्फ्रेंस का बेस्ट पेपर अवार्ड मिला है.
सपनों व स्वर्णिम ख़्वाबों की रौशनी छीनकर अंधेरा फैलाने की मंशा रखने वालों, अंधेरा हारेगा और उजाला ही जीतेगा. अभी आप भी मिन्हाज को बधाई दे सकते हैं.
Laxman yadav