छिन्दवाड़ा-लॉक डाउन के चलते जहां शहर का प्रत्येक परिवार भोजन का दुरुपयोग न करते हुए सीमित मात्रा में परिवार के सदस्यों के लिए भोजन बना रहा है वहीं दूसरी ओर शहर में गाय बैल कुत्ते जो सड़कपर भोजन की तलाश में यहाँ वहाँ भटक रहे है जानवरों के लिए इस समय संकट का दौर है क्योंकि अभी तक जिन परिवारों में खाना बनता था वे बचा हुआ खाना इन जानवरों को खिला देते थे लॉक डाउन में प्रत्येक परिवार अपनी अपनी गुंजाइश के हिसाब से भोजन पका रहा है और उनकी यह कोशिश होती है कि भोजन बर्बाद ना हो ऐसी स्थिति में शहर में मूक जानवरों की स्थिति बदतर हो गई है मूक जानवरों के प्रति दया भाव दिखाने वाले शहर के युवा मयंक गजभिए एवं उनके साथियों ने 8 अप्रैल को जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य दिखाते हुए जानवरों के लिए भोजन पका कर जगह जगह पर जाकर इन मूक जानवरों को भोजन कराया निश्चित रूप से इन युवाओं का यह स्वागत योग कदम है शहर में जहां गरीब परिवारों और जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की मंशा के उद्देश्य से लोगों ने राहत के लिए अपने हाथ खोल दिए हैं वही इन मूक जानवरों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षण कराना भी बहुत आवश्यक है आखिर इन्हें भी दो वक्त भोजन की जरूरत पड़ती है आज के दौर में जब व्यक्ति स्वयं के स्वार्थ में लगा हुआ है ऐसी स्थिति में इन मूक जानवरों कुत्ते,बैल,भैस,गाय के प्रति दया एवं करुणा का भाव जगाते हुए मयंक गजभिए एवं उसके युवा साथियों की टीम मूक जानवरों को भोजन उपलब्ध करा कर अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान होकर एक सच्चे नागरिक होने का परिचय दे रहे हैं निश्चित तौर पर इन युवाओं के जज्बे को सलाम करना हमारा नैतिक दायित्व है.... जिंदाबाद साथियों
जागरूक युवाओं ने शहर के जानवरों कुत्ते,बैल,भैस,गाय को भोजन कराया