#कोरोनावरियर्सडायरी#5

इस संकटकाल में पैडमैन माया विश्वकर्मा और उनकी पूरी टीम नरसिंहपुर जिले के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में जागरूकता अभियान चलाया हुआ है और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए इस टीम का प्रयास सराहनीय है शासन के अधिकारी और प्रशासनिक तंत्र किस तरह से जरूरतमंद गरीब लोगों को  सहायता पहुंचाने में नकारा साबित हो रहा है उसका अवलोकन करने के पश्चात जरूरतमंदों से चर्चा करने के बाद इस टीम ने अपने अनुभव को कोरोना वारियर्स डायरी नाम देते हुए श्रंखला प्रारंभ की है आज की श्रंखला में है


#कोरोनावरियर्सडायरी#5
शांति बाई है,अपने एक लड़के और दो पोतों (जिनकी मां का निधन सर्प दंस से 4-5 साल पहले हो चुका है) के साथ इस एक कमरे के खपरेली घर में रहती है, जिसकी हालत जर्जर है, हम कोरोना काल में ग्रामीण इलाकों के जरूरतमंदों की खोज करते इन तक पहुंचे है,बात चीत के दौरान और आस-पास के लोगों से इनके बारे में जो जानकारी मिली वह चौंका देने वाली है,इनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है,फिर भी शासन और उसकी योजनाओं की इनसे बेरुखी साफ़ देखी जा सकती है,एक गरीब परिवार के लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे राशन कार्ड, सरकारी आवास, शौचालय, और उज्जबला का रसोई चूल्हा इनके पास कुछ भी नहीं है*। हमने पूछा अभी कोरोना की बीमारी फैली है कोई सरकारी राशन मिला हां आज स्कूल के मास्टर जी बच्चो के लिए २-३ किलो सूखा आनज देकर गए है बस,बड़ी सफ़गोई से हमें बताया। यह स्थिति तब है जब लॉकडॉउन दूसरी बार बढ़ाया जा चुका है,हम सरकारी योजनाओ की हकीकत जानने नहीं निकले है,पर कई बार ऐसी सरकारी लापरवाहियां दृष्टिगत होती है कि उनको आप से सांझा करने को विवश होते है।अभी हाल के लिए हमने इनको कुछ राशन उपलब्ध कराया है पर वह ना पर्याप्त है नहीं भविष्य में इनकी समस्याओं का समाधान ही है।


- Arpit Katare ✍️
Sukarma Foundation - सुकर्मा फाउंडेशन