इस संकटकाल में प्रदेश में उपजी विपरीत परिस्थितियों के बीच भी सुकर्मा फाउंडेशन लगातार बेसहारा मजदूर मेहनतकश वर्ग के लिए हर संभव मदद कर रहा है साथ ही क्षेत्र में लोगों से मिलकर उनकी दुख एवं तकलीफों को कोरोनावायरस डायरी के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास लगातार कर रहा सुकर्मा फाउंडेशन की टीम के साथी अपने अनुभव को लगातार साझा कर रहे हैं आइए इस बार.......
#कोरोनावरियसडायरी#8
#निराश्रित बुजुर्ग की ४ महीने की पेंशन चोरी
यह देलेप सिंह है, अप्रैल के पहले सप्ताह हम ग्राम कैलकच्छ आए तो इनकी स्थिति से अवगत हुए, अकेले बेचारगी की वृद्धावस्था में रहते है, सुनाई भी कम देता है सुकर्मा फाउंडेशन इस बंदी के दौर एंसे लोगों की ही मदद कर रहा है, हमने एक राशन का पैकेट इनको भी दिया था, तब उन्होंने हमें बताया कि मेरी 4-5 महीने की पेंशन नहीं आई है बैंक में जमा है, लॉक डाउन सख्त था तो पैसे निकाल नहीं पा रहे थे।
हम अपनी सहानुभूति और सहयोग का आश्वासन देकर आए, अब जब हम दोबारा इन तक पहुंचे और लोगों से जो सुना वह चौंकाने वाला था, दादा कुछ दिन पहले ही अपनी पेंशन (₹ 2400/-) निकाल के लाए थे, एक दिन नहाने बाहर नल पर गए और किसी चोर ने इनकी पेंशन पर अपने हाथ साफ़ कर दिए, जिन पैसों से इनकी आस बंधी वह भी अब खत्म है, फिर वही अनाज पानी की परेशानी सिर उठाए हैं, फिलहाल हमने पुनः इनके राशन की व्यवस्था कर दी है। लेकिन ऐसी घटनाएं हमारे सामने कई गंभीर सवाल खड़े करती है, की विपदा के समय भी हम इन लोगों को जिनका कोई नहीं छलते तनिक भी नहीं हिचकिचाते है।
Arpit Katare
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