इससे पहले कि आप अपनी नज़रों से गिरें, ज़रा नज़र उठा कर देख लें
भारत की जीडीपी -23.9 प्रतिशत हो गई है। आर्थिक तबाही राष्ट्र के साथ आपके जीवन में आ चुकी है। आपकी आँखों में हमेशा मिर्ची पड़ी रहे इसका इंतज़ाम चैनलों ने कर दिया है। छह साल से जो कह रहा हूँ वही सच साबित हुआ। जीडीपी के आँकड़े आने पर प्रधानमंत्री से लेकर वित्त मंत्री तक देश के सामने नहीं आ सके हैं। हाहाकारी ललकारी मीडिया के ज़रिए आपकी शाम में कवरेज के नाम पर झूठ परोसा जा रहा है। दो महीने से एक चीज़ का कवरेज है। पतन की निरंतरता जारी है। आपकी दो प्रकार की बर्बादी हो रही है। ज़िंदगी की और दूसरा ज़हन की। मुबारक हो। क्रूरदर्शन की इस पेशकश को देखिए।