मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी अथवा एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी को कर्नाटक संगीत का पर्याय माना जाता है और भारत की वह ऐसी पहली गायिका थीं जिन्हें सर्वोच्च नागरिक अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनके गाये हुए गाने, ख़ासकर भजन आज भी लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें संगीत की रानी बताया तो वहीं स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने आपको 'तपस्विनी' कहा,उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ां ने आपको 'सुस्वरलक्ष्मी' पुकारा,किशोरी अमोनकर ने आपको 'आठ्वां सुर' कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है।एमएस लावण्या एवं एमएस सुबुलक्ष्मी को लोग 'सेक्सोफोन सिस्टर' के नाम से ज्यादा जानते हैं
भारत के कई माननीय नेता, जैसे महात्मा गांधी और पंडित नेहरु भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी 'हरि, तुम हरो जन की भीर' इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा।
'सेक्सोफोन सिस्टर'