शाहीन बाग की * बूढ़ी अम्मा या दादी बिलकीस को टाइम मैगज़ीन ने दुनिया की 100 प्रभावशाली हस्तियों में शामिल किया है ...
ज्ञात रहे कि CAA और NRC जैसे भारतीय समाज को बांटने तथा बहुत सी अनावश्यक समस्याएं खड़ी करने वाले कानून के खिलाफ शाहीन बाग में महिलाओं का जो आंदोलन चला वैसा आन्दोलन दुनिया में कभी नहीं देखा गया था उस महान लोकतांत्रिक आंदोलन को प्रेरित करने में उनकी ऐतिहासिक भूमिका रही ...
लेकिन इस फेहरिस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल करके टाइम पत्रिका ने सारा मजा किसकिरा कर दिया इसलिए कि मोदी जी इस वक़्त भारत के विनाशक के रूप में देखे जा रहे हैं जिनके कार्यकाल में एक धर्म विशेष के खिलाफ दुर्भावना के चरम पर है ...अर्थव्यवस्था में गिरावट बेरोजगारी बदइंतजामी कोरोना में लापरवाही सीमा पर बढ़ते बिवादों राज्यों के अधिकारों पर हमला छोटी पार्टियों को तोड़ने...लोकतंत्र की हत्या ...न्यायपालिका एवं तमाम शिक्षण एवं राष्ट्ररी स्वायत्त संस्थाओं को अपने अहंकारी एवं अधिनायकवादी रवैए से उनकी पहचान को धूमिल कर देने के साथ साथ झूठे आकड़े पेश करने सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को बेचने तथा कामगारों का शोषण करने वाले कार्पोरेट्स के संरक्षक और देश भर में बढ़ती सरकारी गैर सरकारी अराजकता और हिंसा को बढ़ावा देने वाले लीडर के तौर पर साबित होते जा रहे हैं ..
ब्रिटेन की इस टाइम पत्रिका ने यह साबित कर दिया है कि उसे भारत की बर्बादी से खुशी है और उसकी एक आंख फूट चुकी है वर्ना वह मोदी का नाम इस फेहरिस्त में शामिल न करती केवल दादी अम्मा ही काफ़ी थीं क्योंकि लोकतंत्र की बहाली के आंदोलन की प्रतीक वह तभी बनी हैं जब भारत की केंद्रीय सत्ता निरंकुश हो चुकी है ....?