बिहार के जिला बाँका के भदरिया गाँव में चाँदन नदी की धारा में छठ घाट की सफाई के दौरान प्राचीन भवनों के अवशेष मिले हैं....
आज के भदरिया गाँव का उल्लेख बौद्ध ग्रंथों में भद्दिय गाँव के रूप में है ( अंगुत्तर निकाय)....
भद्दिय गाँव का उल्लेख डाॅ. अंबेडकर, राहुल सांकृत्यायन और हवलदार त्रिपाठी ने किया है.....
कभी गोतम बुद्ध वैशाली से चारिका करते हुए लगभग 1200 भिक्खुओं को साथ लिए भद्दिय गाँव पधारे थे.....
तब भद्दिय गाँव के एक बड़े श्रेष्ठी मेण्डक हुआ करते थे....
मेण्डक ने अपनी पोती विशाखा को बुद्ध के सत्कार में अगवानी के लिए भेजा था, जिन्हें मिगार माता विशाखा कहा जाता है.....
प्राचीन भवन के अवशेष में कई कमरे दिख रहे हैं, ईंटें हाथ से थापकर बनाई गई हैं, फिर पकाई गईं हैं.....
भदरिया गाँव के लोग पहले से ही मानते रहे हैं कि हमारे गाँव बुद्ध कभी पधारे थे....
अब बौद्ध पर्व छठ के अवसर पर उन्हें पुरातात्विक सबूत मिले हैं....