इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धर्मांतरण की आड़ में दिए गए अपने ही फ़ैसले को पलट दिया है। आप किससे शादी करेंगे यह आपका मामला होना चाहिए। समाज की संकीर्णताओं का पालन पोषण करना ख़ुद को सूखे कुएँ में डुबाने जैसा है। ये सरकार स्कूल कालेज पर कम बात करती है। इन्हीं सब फ़ालतू विषयों के लिए इसके पास भरपूर टाइम है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धर्मांतरण की आड़ में दिए गए अपने ही फ़ैसले को पलट दिया है