किसान
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हमनें खसरा और खतौनी देखी है
कैसे की जाती है बोनी देखी है
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कीट प्रकोपों से जूझे हैं हम तनहां
खेतों में होती अनहोनी देखी है
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ओलावृष्टि सही है,पाला भुगता है
घर वालों की सूरत रोनी देखी है
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भटे भून कर खाए हैं, कुछ कहा नहीं
घर में बनती दाल अरोनी देखी है
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देखे हैं अकाल,देखी है कंगाली
रहन रखी मां की करधोनी देखी है
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बिकते देखे परमेश्वर पंचायत के
दारोगा की शक्ल घिनौनी देखी है
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मंडी में मुनीम का चाबुक चलता है
मिलती कीमत ओनी-पौनी देखी है
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हम किसान हैं,ये अभिशाप नहीं तो क्या
बहरी सत्ता,संसद मौनी देखी है
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बहुत तजुर्बा है हमको बदलावों का
हर मौसम की आंख-मिचौनी देखी है
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@ राकेश अचल
Rakesh Acha